Shivangi and Rohtash hoisted tricolor on the highest peak of europe

हिसार की शिवांगी पाठक और रोहताश खिलारी ने यूरोप की सबसे ऊंची चोटी एल्बु्रस पर तिरंगा फहराया

हरयाणा की युवा पर्वतारोही शिवांगी व रोहताश ने बीते 4 september को यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एल्बु्रस (Mount Elbrus) पर तिरंगा फहराकर देश और प्रदेश दोनों का नाम रोशन कर दिया  |
Shivangi and Rohtash hoisted tricolor on the highest peak of europe
Shivangi and Rohtash hoisted tricolor on the highest peak of Europe
हाल ही में शिवांगी पाठक और रोहताश खिलेरी ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माऊंट एवरेस्ट और किलिमंजारों (अफ्रीका की ऊंची चोटी) को फतह कर रिकॉर्ड बना लिया है|
इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए शिवांगी पाठक की माता आरती पाठक ने बताया कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि उनकी बेटी शिवांगी और रोहतास खिलेरी दोनों ने आज यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी एल्बु्रस को फतह कर लिया है और वहाँ देश की में शान तिरंगा फहरा दिया है| यह उनकी जीत का तीसरा कदम है।
आपको बता दें की 2 सितंबर को दोनों ने 5642 मीटर ऊंचाई पर बने बेस कैंप से एल्ब्रुस की चढ़ाई के लिए शुरुआत की। शिवांगी ने बताया की जब वे 1 हजार मीटर की ऊंचाई पर पहुंचे तो तूफान आ गया, जिसके कारण आगे बढ़ना मुश्किल हुआ तो हमें कैंप में वापिस लौटना पड़ा। अगले दिन 3 सितंबर को फिर उन्होने सफर शुरू किया और 4 सितंबर की सुबह 4 बजे माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहरा दिया।
Shivangi and Rohtash hoisted tricolor on the highest peak of europe
Shivangi and Rohtash hoisted tricolor on the highest peak of Europe

जब ये दोनों शिखर पर पहुंची तो पारा माइनस 20 डिग्री था। हिसार की ग्लोबल स्पेश निवासी शिवांगी पाठक की मां आरती ने बताया कि बेटी प्रतिदिन मेडिटेशन करती है। इसी से उसकी इच्छाशक्ति मजबूत हुई। वही, दूसरा विजेता रोहताश मल्लापुर गांव का रहने वाला है। उसका कहना है कि वे प्रतिदिन योगा व सूर्य नमस्कार करता हूं, जिसके चलते ही मेरी एनर्जी इतनी बढ़ी है।
शिवांगी पाठक द्वारा फतह की अन्य पर्वत चोटियाँ
·         16 मई 2018: विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट
·         23 जुलाई 2018 : द. अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो
·         4 सितंबर 2018: यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत शृंखला माउंट एल्ब्रुस
Rohtash khileri wins mount everest

हिसार के रोहताश खिलेरी ने फतह की माउंट एवरेस्ट, फहराया तिरंगा

 

रोहताश खिलेरी (21 वर्षीय) ने नेपाल काठमांडु के रस्ते से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट  को (Mount Everest) फतेह कर लिया। रोहताश, गांव मल्लापुर हिसार के रहने वाले है|
आपको बता दें कि रोहताश खिलेरी ने 8 अप्रैल 2018 को माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई शुरू की|
कैसे किया रोहताश ने माउंट एवरेस्ट को फतह
रोहताश खिलेरी के उसके माता-पिता ने बताया कि वह वर्ष 2014 में वह नेपाल में खेलने के लिए गया था। वहां पर ऊंची पहाड़ियों को देखकर मन में इच्छा हुई कि इन ऊंची पहाड़ियों को छूना है इन पर फतह हासिल करनी है, बस फिर क्या था इसी लक्ष्य व सपने को लेकर रोहताश ने वहां के निवासियों से बात की | उन्होने सबसे ऊंची पहाड़ी जिसे नेपाल के लोग सागर माथा के नाम से उसका पूजन करते हैं जिसे माउंट एवरेस्ट कहा जाता है उसकी जानकारी हासिल की।
रोहताश खिलेरी ने अपनी पढ़ाई के साथ पहलगांव, श्रीनगर में पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स भी किया है। इसके बाद सितंबर 2017 में वह कोचिंग के लिए दार्जलिंग गया जहां उसने कोर्स के दौरान 6000 मीटर की चढ़ाई पार की।
माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने का संकल्प ले रोहताश ने हर प्रक्रिया को आसानी से पार कर लिया। इसके उपरांत उसे नेपाल की 7 शिमटी एजेंसी ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की अनुमति प्रदान कर दी।
परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय
21 वर्षीय रोहताश ने माउंट एवरेस्ट के लिए 8848 मीटर की चढ़ाई की। इसके लिए करीब 25 लाख रुपये का खर्च आया। रोहताश के पिता सुभाष चंद्र किसान हैं और उसका एक छोटा भाई भी है। रोहताश खिलेरी के परिवार की आर्थिक स्थिति दयनीय है। लेकिन बेटे के सपने को पूरा करने के लिए सुभाष चंद्र में अपनी जमीन गिरवी रखकर पैसे का इंतजाम करके रोहताश को दिए।

हिसार के रोहताश खिलेरी ने फतह की माउंट एवरेस्ट, फहराया तिरंगा

 

About Mount Elbrus –

Mount Elbrus is the highest mountain Peak in Europe, and the tenth most prominent peak in the world. A dormant volcano और Elbrus is in the Caucasus Mountains in Southern Russia और  near the border with Georgia.

Elbrus has two summits –

·         The West summit – 5,642 metres

·         The East summit – 5,621 metres

Who first ascended the Summit and When –

·         The East summit – 10 July 1829 by Khillar Khachirov

·         The West summit – 1874 by a British expedition led by F. Crauford Grove and including Frederick Gardner, Horace Walker, and the Swiss guide Peter Knubel of St. Niklaus.