Rasayan Vigyan in hindi pdf Download | Chemistry notes pdf in hindi download - आपके लिए हम लेकर आए हैं। रसायन विज्ञान के हिंदी पीडीएफ विनय आप एक क्लिक में डाउनलोड कर सकते हैं और अपने मोबाइल के अंदर पढ़ सकते हैं।
आपको हम बता दें यह रसायन विज्ञान के नोट्स पैरामाउंट कोचिंग सेंटर के हैं जो काफी अच्छे हैं रसायन विज्ञान से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी जो कॉम्पिटेटिव एग्जाम्स के लिए जरूरी हैं वह इसके अंदर दी गई हैं।
Rasayan Vigyan in hindi pdf Download
तीन से चार बार पढ़ने पर रसायन विज्ञान से बनने वाले सभी प्रशन अब सही करेंगे इससे पहले हमने और भी पीडीएफ आपको दी हैं आप उन्हें भी डाउनलोड कर सकते हैं।
रसायन विज्ञान पीडीएफ डाउनलोड इन हिंदी | Rasayan Vigyan in hindi pdf Download | Chemistry notes pdf in hindi download
रसायन विज्ञान से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण परिभाषा जो एग्जाम में पूछे जाती है
घोल या विलयन (Solution)
विलयन (Solution):- दो या दो से अधिक पदार्थों का
समाग मिश्रण विलयन कहलाना है, जिसमें एक निश्चित ताप पर विलंय या विलायक को आपेक्षिक मात्राएं एक निश्चित सीमा तक निरमार परिवर्तित हो सकती है, जैसे चीनी या नमक का जल में बिलायन, यहां चीनी या नमक विग्नेय है। जवकि जल विलायक।
संतृप्त बिलयन (Saturated Solution):- निश्चित तापपर बना एक ऐसा विलयन, जिसमें विलेय पदार्थ की | अधिकतम मात्रा घुली हो उसे संतृप्त बिलयन कहते है।
असंतृप्त बिलयन (Unsaturated Solution):
निश्चित ताप पर बना एक ऐसा बिलयन, जिसमें विलेय पदार्थ को और अधिक मात्रा उस ताप पर घोली जा सकती है, उसे असंतृप्त विलयन कहते हैं।
अतिसंतृप्त बिलयन (Supersaturated Solution ):- संतृप्त विलयन, जिसमें विलेय की मात्रा उस विलयन को संतृप्त करने के लिए आवश्यक विलेय की मात्रा से अधिक पुली हुई हो तो उसे अतिसंतृप्त विलयन कहते हैं।
सान्द्र विलयन और तनु बिलयन (Concentrated
Solution and Dilute Solution):- साद विलयन में प्रति इकाई आयतन विलय को मात्रा अपेक्षाकृत अधिक होती है। तनु बिलबन में प्रति इकाई आयतन विलेय की मात्रा अपेक्षाकृत कम होती है। विलयनों के सांद्रण को ग्राम प्रति लोटर, नॉर्मलता, मोलरता एवं मोललता आदि से व्यक्त किया।
विलेषता (Solubility):- विलेय का वह भार है जो
विलायक के 100 ग्राम को एक संतृप्त घोल बना दे, विलेयता कहलाता है।
कोलॉइड (Colloid ):- जब किसी विलायक में परिक्षेपित कणों का आकार 10 समी० से 10 सेमी० तक होता है तो ऐसे विलपनों को कोलॉइड कहा जाता है। कोलॉइड के परिक्षेपित कणों में विलग (अलगाव) होने की प्रवृत्ति नहीं होती है, जैसे- धुआँ, कोहरा, दूध, पेट आदि।
पायस (Emulsion);- जब किसी कोलाइड में एक द्रव कं सारं कण दुसरे द्रव के सारे कणों में परियोपित तो हो जाते हैं. लेकिन घुलते नहीं हैं, तो इस कोलॉइड को पायस कहते है। दूध एक प्राकृतिक पायस है, जबकि पेंट एक कृत्रिम पायस का उदाहरण हैं।
बफर विलयन (Buffer Solution):- वह विलयन जो
कि अम्ल या क्षार की साधारण मात्राओं को अपनी प्रभावी अम्लता या क्षारता में प्राप्त परिवर्तन किये बिना अवशोषित कर लेता है, इस बफर विलयन कहते है जैसे सोडियम एसीईट तथा ऐसौटिक अम्ल का मिश्रण एक प्रभावी बफर है, जब उसे पानी में विलीन किया जाता है।
टिंडल प्रभावः- जब किसी कोलॉइडी विलयन में तीन प्रकाश गुजारते है और इसके लम्बवत् रखे सूक्ष्मदर्शी से देखते है तो कोलॉइड कण काली पृष्ठभूमि में आलपिन की नाक की मौत चमकने लगते हैं। इसे टिंडल प्रभाव कहते हैं। टिंडल प्रभाव का कारण प्रकाश का प्रकीर्णन है।
ब्राउनी गति (Brownian movement):- कोलॉइडी
विलयन के कण लगातार इधर-उधर भागते रहते है इसे ब्राउनी गति कहते है यह गति कोलॉइड कणों की प्रकृति पर निर्भर नहीं करती है। कण जितने ही सूक्ष्म होते है तथा माध्यम की श्यानता जितनी ही कम होती है एवं ताप जितना ही अधिक होता है यह गति उतनी ही तेज होती है।