Visheshan Kya Hai विशेषण के भेद और उदाहरण सारी जानकारी ले, हिंदी व्यकरण का यह एक बहुत ही अच्छा और जरूरी टॉपिक है एग्जाम के लिए, और हमने विशेषण के बारे में आपको विस्तार से जानकारी दे है, सिर्फ सरकारी नौकरियों को ध्यान में रखते हुवे|
विशेषण की परिभाषा
विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
विशेषण विकारी शब्द होते हैं एवं इन्हें सार्थक शब्दों के आठ भेदों में से एक माना जाता है।
विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण - बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा आदि|
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विशेषण के उदाहरण
राधा बहुत सुन्दर लड़की है।
जैसा कि आप ऊपर उदाहरण में देख सकते हैं राधा एक लड़की का नाम है। राधा नाम एक संज्ञा है। सुन्दर शब्द एक विशेषण है जो संज्ञा शब्द की विशेषता बता रहा है।
रमेश बहुत निडर सिपाही है।
ऊपर दिए गए उदाहरण से हमें पता चलता है कि रमेश एक सिपाही है एवं वह निडर भी है। अगर इस वाक्य में निडर नहीं होता तो हमें बस यह पता चलता कि रमेश एक सिपाही है लेकिन कैसा सिपाही है ये हमें नहीं पता चलता।
मोहन एक मेहनती विद्यार्थी है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि यहाँ मोहन कि मेहनती होने कि विशेषता बतायी जा रही है।
विशेष्य : वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतायी जाती है उन्हें विशेष्य कहते हैं।
विशेषण के भेद
विशेषण के मुख्यतः चार भेद होते हैं :
- गुणवाचक विशेषण
- संख्यावाचक विशेषण
- परिमाणवाचक विशेषण
- सार्वनामिक विशेषण
1. गुणवाचक विशेषण :
जो विशेषण हमें संज्ञा या सर्वनाम के रूप, रंग आदि का बोध कराते हैं वे गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
ताज महल एक सुन्दर इमारत है।
जयपुर में पुराना घर है।
जापान में स्वस्थ लोग रहते हैं।
मैं ताज़ा सब्जियां लाया हूँ
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आपने देखा सुन्दर, पुराना, स्वस्थ, ताज़ा आदि शब्दों से विभिन्न वस्तुओं व्यक्तियूं आदि का रंग रूप गुण आदि बताने की कोशिश की जा रही है।
जैसा कि हमें पता है संज्ञा या सर्वनाम का रूप रंग, गुणवत्ता आदि का जो शब्द बोध कराते हैं वे विशेषण कहलाते हैं अतः ये शब्द विशेषण कहलायेंगे।
2. संख्यावाचक विशेषण :
ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बोध कराते हैं वे शब्द संख्यावाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
विकास चार बार खाना खाता है।
मीना चार केले खाती है।
दुनिया में सात अजूबे हैं।
हमारे विद्यालय में दो सौ विद्यार्थी पढ़ते हैं।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरणों में देख सकते हैं चार, सात दो सौ आदि शब्द हमें बता रहे हैं कि विकास कितनी बार खाना खाता है मीना कितने केले खाती है, दुनिया में कितने अजूबे हैं आदि।
अगर हम ये शब्द नहीं लगाते तो हमें निश्चितता नहीं होती। यहाँ ये शब्द हमें संज्ञा या सर्वनाम की संख्या के बारे में बता रहे हैं। अतः ये संख्यावाचक विशेषण कहलायेंगे।
3. परिमाणवाचक विशेषण :
जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की मात्रा के बारे में बताते हैं वे शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
मुझे एक किलो टमाटर लाकर दो।
बाज़ार से आते वक्त आधा किलो चीनी लेते आना।
जाओ एक मीटर कपड़ा लेकर आओ।
मुझे थोड़ा सा खाना चाहिए।
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं एक किलो, आधा किलो, एक मीटर, सौ ग्राम इत्यादि शब्द हमें संज्ञा या सर्वनाम का परिमाण बता रहे हैं।
इससे हमें पता चलता है कि कितनी चीनी लानी है, कितना कपड़ा लाना है एवं कितने टमाटर लाने हैं।
अगर वाक्य में ये शब्द इस्तेमाल नहीं हुए होते तो हमें पता भी नहीं चलता कि कितना समान लाना है। यह शब्द संज्ञा व सर्वनाम का परिमाण बता रहे हैं। अतः यह परिमाणवाचक विशेषण के अंतर्गत आयेंगे।
4. सार्वनामिक विशेषण :
जो सर्वनाम शब्द संज्ञा से पहले आएं एवं विशेषण की तरह उस संज्ञा शब्द की विशेषता बताएं तो वे शब्द सार्वनामिक विशेषण कहलाते हैं। जैसे:
यह लड़का कक्षा में अव्वल आया।
वह आदमी अच्छे से काम करना जानता है।
यह लड़की वही है जो मर गयी थी।
कौन है जो सबसे उत्तम है ?
ऊपर दिए गए उदाहरणों में जैसा कि आप देख सकते हैं यह, वह, कौन आदि शब्द संज्ञा शब्द से पहले लग रहे हैं एवं विशेषण की तरह उन संज्ञा शब्दों की विशेषता बता रहे हैं।
अगर ये शब्द संज्ञा से पहले न लगते तो हमें पता नहीं चलता की किसके बारे में चर्चा हो रही है। अब इन शब्दों का इस्तेमाल हुआ है तो यह किसी विशेष व्यक्ति या वस्तु की ओर संकेत कर रहे है। अतः यह उदाहरण सार्वनामिक विशेषण के स्न्तार्गत आयेंगे।