HSSC All Previous Year Question Papers PDF 2015 -2020

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इन्हे जरूर पढ़े इन से एक प्रश्न एग्जाम काफ़ी बार पूछा जा चूका है इस लिए इन्हे ध्यान से पढ़े| 

हरियाणा के प्रमुख मंदिर

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हरियाणा राज्य के लोक नृत्य (Haryana ke Lok Nritya)

हरियाणा के धमाल नृत्य  के बारे में जानकरी-  यह नृत्य हरियाणा राज्य के झज्जर और महेंद्रगढ़ का  प्रसिद्ध नृत्य है। धमाल नृत्य पुरुषों द्वारा किया जाता है। धमाल नृत्य महाभारत काल से चला आ रहा है इसे चांदनी रात में खुले मैदान में किया जाता है। 

हरियाणा के मंजीरा नृत्य के बारे में जानकरी- यह नृत्य डफ और मंजिलों की ध्वनि पर किया जाता है। यह नृत्य  हरियाणा के मेवाड़  क्षेत्र में किया जाता है। इस नृत्य में महिलाएं एवं पुरुष दोनों भाग लेते हैं। 

हरियाणा के लूर नृत्य के बारे में जानकरी- यह नृत्य हरियाणा के  बांगर क्षेत्र में किया जाता है।  इस धरती को होली से 2 सप्ताह पहले किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं द्वारा किए जाने वाले इस नृत्य को पुरुषों को देखना मना है। 

हरियाणा के घोड़ा नृत्य के बारे में जानकरी-  यह नृत्य विवाह के अवसर पर किया जाता है।  पुरुषों द्वारा प्रस्तुत किया जाने वाला यह एक नाट्य नृत्य है जिसमें गत्ते एवं रंगीन कागजों से बनाए हुए घोड़े के  मुखोटे को पुरुष पात्र द्वारा अभिनय के दौरान प्रयोग किया जाता है। 

हरियाणा के खोड़िया नृत्य के बारे में जानकरी - यह नृत्य लड़के के विवाह के अवसर पर महिलाओं द्वारा बारात के प्रस्थान के बाद किया जाता है। नववधू के आगमन तक वर पक्ष की स्त्रियों द्वारा  रात भर जागकर खोडिया नृत्य किया जाता है। 

हरियाणा के तीज नृत्य के बारे में जानकरी- यह नृत्य सावन के महीने में स्त्रियों द्वारा रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान पहनकर गायन के साथ यह नृत्य किया जाता है।  महिलाओं द्वारा विशेष रूप से झूला झूलते हुए लोक गीत भी गाए जाते हैं। 

हरियाणा के फाग नृत्य के बारे में जानकरी-  फाग नृत्य  का आयोजन भी होली के 2 सप्ताह पहले किया जाता है। यह  नृत्य रात्रि में महिलाओं द्वारा  तथा कहीं-कहीं पर पुरुषों द्वारा भी किया जाता है। 

हरियाणा के छड़ी नृत्य के बारे में जानकरी- भादो मास की नवमी तिथि के दिन गूगा पीर की पूजा के बाद गूगा  पीर की स्तुति गाने वाले विशेष समुदाय के लोग डमरू बजाते हुए प्रत्येक गली  द्वार पर जाते हैं एवं एक बात पर मोर पंख लगा कर तथा रंगीन धागों एवं कपड़े लपेटकर छड़ी तैयार करते हैं और उसे घर घर घुमाते हैं तथा सारंगी बजाकर नृत्य करते हैं| छड़ी नृत्य को गूंगा नृत्य, गुरु  गूगा , रहीम पीर एवं बागड़ वाले नृत्य के नाम से भी जाना जाता है। 

हरियाणा के डमरु नृत्य के बारे में जानकरी- शिवरात्रि के शुभ अवसर पर पुरुषों द्वारा आयोजित किया जाने वाला डमरु नृत्य हरियाणा का बहुत प्रसिद्ध नृत्य है। 

हरियाणा के छठी नृत्य के बारे में जानकरी- छठी नृत्य बच्चे के जन्म के छठे दिन किया जाता है। इस नृत्य समारोह में उबले हुए गेहूं एवं चने बांटने की परंपरा है।

हरियाणा के झूमर नृत्य के बारे में जानकरी- यह महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है इसमें झूमर जो कि एक प्रभाव का आभूषण है।  जिससे विवाहित महिलाएं अपने मस्तक पर धारण करती हैं, तथा महिलाएं झूमर के आकार में खड़ी होकर नाचती एवं गाती है इसे झूमर नृत्य कहते हैं।  

हरियाणा के डफ नृत्य के बारे में जानकरी- इस नृत्य को ढोल नृत्य के नाम से भी जाना जाता है।  यह नृत्य श्रंगार तथा वीर रस प्रधान मृत्य है।   इस नृत्य को वसंत ऋतु के आगमन पर किया जाता है। वर्ष  1959 में  पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह इस नृत्य को प्रस्तुत किया गया था। 

हरियाणा के रास नृत्य के बारे में जानकरी- रास नृत्य का संबंध भगवान श्री कृष्ण की  रासलीलाओं से जुड़ा हुआ है यह नृत्य मुख्यतः दो प्रकार का होता है| १. तांडव नृत्य – यह नृत्य पुरुष प्रधान  नृत्य है। २. लास्य नृत्य –  यह नृत्य स्त्री प्रधान है। हरियाणा का यह नृत्य हरियाणा के होडल, पलवल, बल्लभगढ़ आदि इलाकों में अति प्रसिद्ध है। 

हरियाणा के रतवाई नृत्य के बारे में जानकरी - यह नृत्य हरियाणा राज्य के मेवाती क्षेत्र में सुप्रसिद्ध नृत्य है।  यह वर्षा ऋतु में स्त्री एवं पुरुष द्वारा सामूहिक रूप से किया जाने वाला नृत्य है।

हरियाणा के खेड़ा नृत्य के बारे में जानकरी- खेड़ा नृत्य गम में किया जाने वाला नृत्य है।  यह नृत्य बुजुर्ग की मृत्यु के समय किया जाने वाला नृत्य है। यह नृत्य करनाल, नरवाणा,कैथल,जींद आदि बांगर के क्षेत्रों में बेहद प्रचलित है।

हरियाणा के सांग  नृत्य के बारे में जानकरी- यह नृत्य वीर रस प्रधान नृत्य है। 

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